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संभल की जामा मस्जिद का हुआ सर्वे, इस तारीख को होगी अगली सुनवाई

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Jagruk Youth News-Sambhal  संभल: चंदौसी के सिविल जज (सीनियर डिवीजन) ने एक याचिका स्वीकार करते हुए ढांचे का सर्वेक्षण करने का आदेश दिया। इसमें दावा किया गया था कि मस्जिद वास्तव में प्राचीन हरिहर मंदिर थी। कोर्ट के आदेश के बाद मंगलवार शाम को यूपी के संभल शहर के बीचों-बीच स्थित 16वीं सदी की जामा मस्जिद का सर्वेक्षण करने के लिए एक टीम पहुंची। संभल के कैला देवी मंदिर के ऋषिराज गिरी और पांच अन्य वादियों ने अपनी याचिका में दावा किया कि प्राचीन मंदिर को मुगल सम्राट बाबर ने 1529 में मस्जिद में बदल दिया था।
 
लोगों ने किया विरोध


कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस बल के साथ सर्वेक्षण टीम के पहुंचने के बाद स्थानीय लोग मौके पर एकत्र हुए और विरोध प्रदर्शन किया। सर्वेक्षण टीम के सदस्यों और स्थानीय सांसद जियाउर रहमान बर्क ने प्रदर्शनकारियों को शांत कराया। इसके बाद ही प्रदर्शनकारी तितर-बितर हुए। सर्वेक्षण मंगलवार देर शाम पूरा हुआ। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 29 नवंबर तय की है, जब प्रारंभिक सर्वेक्षण के निष्कर्ष प्रस्तुत किए जाएंगे।

विष्णु शंकर जैन ने रखा पक्ष


वादी पक्ष का की ओर से सुप्रीम कोर्ट में वकील विष्णु शंकर जैन ने पक्ष रखा। विष्णु शंकर जैन ने मामले में कहा कि हमने मामले में भारत सरकार, राज्य सरकार और मस्जिद समिति को पक्ष बनाया है। उन्होंने कहा कि हरिहर मंदिर हमारी श्रद्धा का केंद्र है। हमारी आस्था और विश्वास के अनुसार, कल्कि का अवतार यहीं होने वाला है। 1529 में बाबर ने मंदिर को मस्जिद में बदल दिया था और आज हमने इस संबंध में याचिका दायर की है।


विष्णु शंकर जैन ने कहा कि यह एएसआई संरक्षित क्षेत्र है। यहां कई संकेत और प्रतीक हैं, जो दर्शाते हैं कि यहां मंदिर था। यही कारण है कि माननीय न्यायाधीश ने एक 'अधिवक्ता आयोग' गठित करने का आदेश जारी किया। यह कमिटी उचित वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी के माध्यम से सर्वेक्षण करेगा। कमिटी एक रिपोर्ट तैयार कर कोर्ट में पेश करेगा।

दो घंटे में पूरा कराया गया सर्वे


संभल की शाही जामा मस्जिद को लेकर विवाद गहरा गया था। महंत ऋषिराज गिरी ने दावा किया कि 1529 में बाबर ने एक मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई थी। इस मामले में सिविल जज आदित्य सिंह की अदालत में एक रिट याचिका दायर की। कोर्ट इस मामले में 7 दिनों के भीतर सर्वे का आदेश दिया। सर्वे टीम ने कुछ ही घंटों बाद मस्जिद पर पहुंचकर अपना सर्वे वर्क शुरू किया। इस दौरान डीएम और एसएसपी भी मौके पर मौजूद रहे। सर्वे का काम दो घंटे में पूरा कराया गया।

सर्वे रिपोर्ट को लेकर सूत्रों के हवाले से दावा किया जा रहा है कि मंदिर होने को लेकर दावे गलत हैं। कोर्ट की अगली सुनवाई में इस रिपोर्ट को रखा जाएगा। इस रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट आगे की सुनवाई करेगी।

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